ताकत जब हाथ बदलती है!
जब ताकत हाथ मिलाती है। जीवन को रोशन करती है। पर इसकी कीमत होती है। ताज और गद्दी देकर, मासूमियत छीनती है। तुमसे जुड़ी हर चीज को, सही व गलत में तोलती है। इन्द्रधनुसीय रंगों से, तुम्हारे लिए छाँटती है । श्वेत और काला रंग को, जीवन में उतार देती है। सिर पर चढ़ कर दाता बन, राज-पाट का वहम भरती है। ताकत का नसा... एक कूरूर बादशाह पैदा करती है। ताकत पे यूँ गुरूर न करो, ये सलतनत, ये बादशाही, सब हवा कर देती है। जब ताकत.... अपना हाथ बदलती है।