मेरा देश
अतित में हर बात पे जाना ठीक नहीं हैं, तब हम नहीं थे. अब हम हो, तो आज को बेहतर बनाओ और आने वाले कल के लिए हम मिसाल कायम करें। कल क्या हुआ क्यों हुआ? छोड़ो! आज क्या कर सकते हैं और कल के लिए क्या बेहतर फैसले ले सकते हैं। @आज बात देश के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की होनी चाहिये। हिन्दूस्तान तो बना ही है जनजन के सहयोग से, समर्पण से। जब सब धर्म,जाति, वर्ग को भुलकर सिर्फ देश के लिए और आने वाली पीढ़ी के लिए उठ खड़े हुए थे, तो दो सौ साल पुरानी सत्ता को उखाड़ फैंका था। आज भी हम मिलकर सबसे पहले देश के बारे में सोचना चाहिए। देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी, हिस्सेदारी के प्रति जागरूक होना होगा और जनजन को जागरूक करने की कसम खा सकते हैं। हम दिनभर में एक बार अपने आने वाली पीढ़ी के प्रति जिम्मेदारी निभाने की सौगंध खा सकते हैं बिना स्वार्थ के अपनी हिस्सेदारी जरूर दें।।