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रोशनी की कुंजी

विश्वास रोशनी की कूंजी है  आशाओं का पासवर्ड है  युद्ध चल रहा है हर वीर लड़ रहे हैं  माना कुछ चेहरे तारे बने हैं  कुछ नाम गुम हो गए हैं  हिम्मत और हौसले की कहानी है उम्मीद। ये युद्ध भी हो जायेंगा किताबी  जीत भी होगी नवाबी ये मायुसी और उदासी बीते दिनों की बात होगी। प्रकृति इमतहान ले रही है  शायद पाठ कोई समझा रही है। हम इसी की ही रचना है  जरा धर्य रखो शायद अपनी ही रचना में  सुधार कोई कर रही है।

दिल का दरवाजा

दिल का दरवाजा  खोलना हमारे बस में नहीं है, चाहे दरवाजे पर भगवान ही क्यों ना खड़े है। हमें पता नहीं होता ये कब और किसके लिए खुलेगा और क्यों । बड़ा अजीब होता है ये दिल का दरवाजा, ना सटल ना किवाड़  ना अकल की सुनता है । चाहे जितना जोर लगाओ ये नहीं खुलता है और जब बन्द करना होता है तो भी नहीं सुनता है।

आदिशक्ति मां

विश्व जननी अंबिका माँ, दिव्य का भंडार है भगवती के नाम सोलह, जप रहा संसार है।। प्राण भरती, प्यास हरती, सत्य का आधार है क्षीणता को दूर करती, शक्ति का संचार है।। आदिशक्ति अराधना से, शक्ति का संचय करो चेतना का जागरण हो, सत्य अनुसरण करो।। जागृत करो, निर्भय करो, कर्म निष्पादित करो निर्मल करो, सुन्दर करो, चित्त को विकसित करो।। सृष्टि सारी है तुम्हारी, साध्य को सम्मान दो  रंग भर दो तान भर दो, और हमको ज्ञान दो।। और मन में, और तन में, और मुझ में प्राण दो चरण में अपने शरण में, और मुझको स्थान दो।।

सफेद रंग

अमर  जिसका सुहाग शहीद की पत्नी कहलाती है वीरांगना।। विधवा का रंग सफेद है कहलाता उज्जवल उसे बनाता।। विधवा प्रेम तपस्वनी जाने क्यों कहते लोग उसे अभागिनी।। अकेले मां-बाप बेटे की विधवा परिवार का कुलदीप।। पहले एक परी अंधियारे से डरती आज हारता अंधियारा।। सतरंगी  जीवन को श्वेत रंग करता रंगों से मुक्त ।। (सायरी छंद)