जिन्दगी बेमिसाल है
ज़िन्दगी लम्बी नहीं, बड़ी होनी चाहिए।
दार्शनिक होना ठीक है
पर हर बार कुआँ खोदना
फिर उसी में गिरजाना
कहाँ कि अकलमंदी है ।
ज़िन्दगी है
बेबाक है, बेखुदी है, बेकुफी है
पर है तो अपनी
हाँ बिलकुल बेजोड़ है।
जीवन में जो भी आयें
खुशी हो या गम
अपने-पराये
प्रतिद्वंद्वी हो या मित्र
उन्हें जीएं, महसूस करें
उनका भरपूर आनंद उठायें
क्यों कि ये सब...
कुछ समय के लिए हैं
चुनौतीपूर्ण हैं
हमें जूझने के लिए मजबूर करते हैं।
कुछ तो इतना थका भी देते हैं
लगता है कि..
अब इसके आगे कुछ भी नहीं है।
पर हमेशा याद रखें
जो इस पल में है
वो अगले पल में बदल जायेगा
जो आयेगा
वो एक नई शुरुआत होगी
एक नई बात होगी
एक नई कहानी के साथ
नए अहसास होंगे
ज़िन्दगी लम्बी नहींं
बड़ी होनी चाहिए।
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