मदारी
एक मदारी, बड़ा खिलाड़ी डुगडुगी बजाके खेल दिखाए उसके इशारे पे नाची बंदरिया तमाशा देखे सारी नगरिया। बातों का जादूगर सपनों का सौदागर अपनी धुन पर नाच नचाए अपने सूर वो आप सुनाए हुआ अंधेरा उठाकर झोला दिनभर का खिलाड़ी घर लौटा थका मदारी।।