सरहदें

सरहदें ये सरहदें, सरहदें हूं सरहदें
ऊँची नीची, लम्बी-लम्बी
कटीली, नुकिली, ये सरहदें
सरहदें, ये सरहदें, सरहदें हूं सरहदें

हिम से लदी
अतल तक गड़ी
रेत पे बिछी
सागर में छुपी
धरती माँ को, बाँटती सरहदें
हां ये सरहदें,सरहदें हूं सरहदें

खेलती है ये, खून की होलीयाँ
बोलती है, अंगारों की बोलियाँ
पहरेदारों के रक्त में नहाई
जाबांजों के, सीने की गोलियाँ
ये लाल लाल, लहु पीती सरहदें।
सरहदें ये सरहदें हूं सरहदें

ये  घर 
आगंन; उदास गाँव 
तस्वीरें को सीने से लगायी मायें
गोरी के माथे की लकीर 
वो तरसती, नन्ही सी आँखें
सब कहती हैं, सरहद की बातें
सरहदें, ये सरहदें हूं सरहदें

जब तिरंगे से लिपट के
दीप से बन गये सितारे
हो गये कुर्बान हँसते हँसते
वो आशिक, सरहद वाले
हो गये अमर, माँ के रखवाले
सरहदें, ये सरहदें  हूं सरहदें

तुने अर्जीयाँ, कहाँ लगाई
ये मर्जीयाँ, किसको बताई
किसने कि है, तेरी सुनवाई
सुन ओ मेघा, सुन पुरवाई
बता दे, कहाँ हैं तेरी सरहदें
सरहदें, ये सरहदें हूं सरहदें

आओ प्रेम का, दीप जलाएं
शान्ति का, संदेश सुनाएं
चलो एक, नईदुनियाँ बनाएं
आओ, अमंबर हो जाएं
जहाँ ना हो, कोई सरहदें
सरहदें, ये सरहदें हूं सरहदें

ऊँची नीची, लम्बी-लम्बी
कटीली, नुकिली, ये सरहदें
सरहदें, ये सरहदें, सरहदें हूं सरहदें

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