सच को तो सिर्फ देखा जा सकता है
जो कहते हैं कि वो सच बोल रहे हैं वो उनका सच है, जो कह रहे हैं कि वो सच बेच रहे हैं वो अपना सच बेच रहे हैं, क्यों कि सच ना बोला जाता है ना ही महसूस किया जाता है। ''सच को तो सिर्फ देखा जा सकता है '' * सच तो सूरज की किरणें हैं जिनके आने से धरती दुल्हन बन जाती है। * सच तो वो फूल हैं जो हर सुबह सूर्य पर अपनी खुशबू, रंग और अपना सर्वस्त्र अर्पण कर देती है। *सच तो तिरंगे में लिपटा हुआ दीप है जो बन गया सितारा।