बहस

किसी भी विवाद के बहस में पड़ने  से सबसे पहले खुद बचना चाहिए । मुद्दों पर बात करना अच्छी बात है पर उससे बहस ना बनने दें, अगर बहस हो गयी तो उसे वहीं खत्म कर, किसी और विषय पर बात शुरू कर दें। या चाय , पानी का आॅफर करें,और फिर बाकी बात कल करने को कहें। उनको महसूस ना होने दें कि जिस विषय पर बात हो रही थी वो बहस बन गई और उससे खत्म किया जा रहा है। क्यों कि बहस करते वक्त सभी का अहम् सामने खड़ा होता है। अगर किसी के अहम् को चोट पहुँचेगी तो ये खतरनाक स्थिति पर पहुंचने का खतरा रहता है क्यों कि अगली बार वो बहस नहीं लड़ाई पर उतर आते हैं।
मेरा मानना है कि बहस एक गंदा दलदल है जिसमें किसी को कुछ नहीं मिलने वाला है। उसमें किसी को भी जीत नहीं मिल सकती है । इसलिए जहाँ तक हो सके बहस से बचने की हर मुमकिन कोशिश करें। 🙏💐

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